(जी.एन.एस) ता.16
पणजी
गोवा में विपक्षी दलों ने विधानसभा में ‘विकिसत भारत 2047: निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका’ को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के मुख्य भाषण का बहिष्कार किया। विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष को विपक्ष को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अलेमाओ ने कहा कि हमने इस समारोह में शामिल होने से खुद को अलग कर लिया क्योंकि विधायकों को कॉन्फिडेंस (विश्वास) में नहीं लिया गया। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। विपक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमें हल्के में नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया गया और हाईकोर्ट के फैसले के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्हें कोई न्याय नहीं दिया गया। एक दिन के भीतर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। यह तानाशाही है। हम इसकी निंदा करते हैं और इसलिए हमने बहिष्कार किया।उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है और विधानसभा सत्रों में कटौती कर रही है। आप विधायक वेंजी विगास ने कहा कि उन्होंने बहिष्कार किया क्योंकि सरकार पहलवानों को न्याय देने में विफल रही है और मणिपुर में चचरें को जलाया गया है। उन्होंने कहा, हमने भी बहिष्कार किया क्योंकि मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासनों को कभी पूरा नहीं किया गया।40 सदस्यीय विधानसभा में विपक्ष के सात विधायक हैं, जिनमें कांग्रेस के तीन, आप के दो, गोवा फॉरवर्ड और रिवोल्यूशनरी गोवा पार्टी के एक-एक विधायक शामिल हैं।