रायबरेली | आज पूरे देश में सामाजिक नयाय पर बहस हो रही है, सभी राजनैतिक अपने-अपने ढंग से इसे परिभाषित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि जब तक देश में जातिगत जनगणना नहीं होगी, तब तक सामाजिक न्याय की कल्पना बेमानी होगी, यह बात पूर्व डीजीसी (फौ) ओपी यादव ने डीपीए की एक बैठक में कही। यादव ने कहा कि देश में 1931 के बाद जातीय जनगणना नहीं