चितलवाना उपखंड: जालोर जिले के चितलवाना उपखंड के पावटा गांव में लूणी नदी का जलस्तर बढ़ने से हालात गंभीर हो गए हैं। टांपी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाला यह गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है और टापू जैसा बन गया है। गांव के करीब 100 घरों की आबादी अब अपने घरों में कैद हो चुकी है।
हालांकि क्षेत्र में भारी बारिश नहीं हुई है, लेकिन अजमेर, जोधपुर और पाली जिलों में अच्छी बारिश के कारण लूणी नदी का पानी इस इलाके तक पहुंच गया है। इसके चलते गांव के सभी संपर्क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गए हैं।
स्कूल बंद, बच्चे घरों में कैद
पावटा गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले करीब 60 बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। सभी रास्ते जलमग्न होने से बच्चों को घरों में ही रहना पड़ रहा है। कई घरों में तो चूल्हों तक पानी पहुंच चुका है, जिससे दैनिक जीवन भी बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
राशन और जरूरत की चीजों के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ रही
गांव में आने-जाने के सभी साधन बंद हो चुके हैं। लोगों को राशन जैसी जरूरी चीजों के लिए पानी में से गुजरना पड़ रहा है, जिसमें कहीं पानी घुटनों तक है तो कहीं कमर तक। वहीं, उपखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लोगों को 80 से 100 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है।
पुल निर्माण की उठी मांग
ग्रामीणों ने दुठवा-गलीफा मार्ग, सुराचंद और खेजड़ियाली मार्ग पर पुल निर्माण की मांग की है। उनका कहना है कि हर साल बरसात के दौरान इसी तरह की स्थिति बनती है, जिससे वाहन चालकों, मरीजों, छात्रों और आम ग्रामीणों को भारी परेशानी होती है।
प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक प्रशासन की ओर से कोई राहत या व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।






















































































































