जयपुर, 22 जुलाई:
राजस्थान की जीवनदायिनी बीसलपुर बांध एक बार फिर सुर्खियों में है। जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है और ‘सायरन’ बजाने की तैयारी भी पूरी हो चुकी है, लेकिन मानसून की सुस्ती ने फिलहाल गेट खोलने के फैसले को टाल दिया है।

सिर्फ 17 सेंटीमीटर की दूरी भराव से

बीसलपुर बांध का मौजूदा जल स्तर 315.33 आरएल मीटर रिकॉर्ड किया गया है, जबकि इसकी कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। यानी अब सिर्फ 17 सेंटीमीटर की और आवक के बाद बांध अपनी अधिकतम क्षमता को छू लेगा। मगर समस्या यह है कि पिछले 12 घंटों में सिर्फ 7 सेंटीमीटर पानी की आवक दर्ज की गई है।

कैचमेंट एरिया में बारिश का अभाव

बांध में पानी की मुख्य आवक इसके कैचमेंट एरिया से होती है, जो इस बार पर्याप्त बारिश नहीं होने के चलते अपेक्षाकृत धीमी है। सिर्फ 9,000 क्यूसेक की दर से पानी आ रहा है, जो इस समय के लिहाज से बेहद कम माना जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो-तीन दिन में भारी बारिश की संभावना नहीं जताई गई है।

सायरन तैयार, लेकिन फैसला स्थगित

बांध के गेट खोलने से पहले ‘सायरन’ बजाया जाता है ताकि निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क किया जा सके। प्रशासन ने इस प्रक्रिया की तैयारी पूरी कर ली है, लेकिन फिलहाल जल संसाधन विभाग ने स्पष्ट किया है कि जब तक भराव क्षमता पूरी नहीं होती या भारी वर्षा नहीं होती, तब तक गेट खोलने का निर्णय नहीं लिया जाएगा।

जयपुर, अजमेर और टोंक की ‘जल-जीवन रेखा’

बीसलपुर बांध सिर्फ एक जलाशय नहीं, बल्कि जयपुर, अजमेर और टोंक जैसे प्रमुख शहरों की पेयजल जरूरतों की जीवनरेखा है। करीब 50 लाख से अधिक आबादी इस बांध के जल पर निर्भर है। इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही या जल्दबाजी से परहेज किया जा रहा है।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

हालांकि अभी गेट खोलने की नौबत नहीं आई है, लेकिन जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर हैं। बांध से सटे गांवों और निचले इलाकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।