जयपुर, 22 जुलाई 2025: राजस्थान हाईकोर्ट के लिए सोमवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब न्यायपालिका के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए सात नए न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट में अब कुल न्यायाधीशों की संख्या 43 हो गई है – जो कि इस न्यायालय के इतिहास में अब तक की सर्वाधिक संख्या है।

दिलचस्प बात यह है कि बीते दिन ही राजस्थान हाईकोर्ट के 43वें मुख्य न्यायाधीश ने भी शपथ ली थी, जिससे ’43 का संयोग’ एक ऐतिहासिक पड़ाव बन गया है।


किन्हें मिली नियुक्ति – जानिए नए न्यायाधीशों के नाम और पृष्ठभूमि

केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति भवन से सातों न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी वारंट जारी किए गए हैं। इन नियुक्तियों में 1 न्यायाधीश न्यायिक सेवा से और 6 अधिवक्ता कोटे से हैं:

न्यायिक सेवा से:

  • संगीता शर्मा: वर्तमान में अजमेर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं। अपने प्रशासनिक और न्यायिक अनुभव के चलते इनका नाम कॉलेजियम द्वारा चयनित किया गया।

अधिवक्ता कोटे से:

  • संदीप तनेजा: वर्तमान में जयपुर पीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। वह एक फर्स्ट जनरेशन वकील हैं और उच्च न्यायालय में दीर्घकालीन अनुभव रखते हैं।
  • बिपिन गुप्ता: अनुभवी अधिवक्ता के तौर पर हाईकोर्ट में लगातार सक्रिय रहे हैं।
  • अनुरूप सिंघी: कानून के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान और तर्कशक्ति के लिए पहचाने जाते हैं।
  • रवि चिरानिया: न्यायिक प्रक्रिया में उनकी पकड़ और निष्पक्ष कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • बलजिंदर सिंह संधू: वर्तमान में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य हैं, और वकालत में उनकी छवि अनुशासित एवं ईमानदार अधिवक्ता की रही है।
  • संजीत पुरोहित: एक प्रतिबद्ध विधिवेत्ता के रूप में इनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है।

2025 में अब तक मिले कुल 15 न्यायाधीश

साल 2025 में अब तक राजस्थान हाईकोर्ट को कुल 15 नए न्यायाधीश मिल चुके हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को गति देने में सहायता मिलेगी। राज्य में न्यायिक लंबित मामलों की संख्या को देखते हुए यह नियुक्तियां न्यायिक भार को कम करने में सहायक सिद्ध होंगी।


न्यायिक क्षेत्र में यह नियुक्तियां क्यों हैं अहम?

राजस्थान हाईकोर्ट की स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 50 है, लेकिन लंबे समय से यह संख्या 35-37 के बीच अटकी हुई थी। अब 43 न्यायाधीशों की नियुक्ति से न्यायिक कार्यों में तेजी आएगी और वादियों को समय पर न्याय मिलने की संभावना मजबूत होगी। इसके साथ ही नए न्यायाधीशों के आने से विभिन्न खंडपीठों में सुनवाई की रफ्तार बढ़ेगी।