अजमेर। राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) की इकाइयों को निजी हाथों में सौंपने की राज्य सरकार की योजना का विरोध शुरू हो गया है। पूर्व चेयरमैन और कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने इसे सार्वजनिक संपत्तियों को बेचने का प्रयास बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

राठौड़ ने कहा कि आरटीडीसी की स्थापना राज्य की पर्यटन पहचान और सांस्कृतिक गरिमा को संरक्षित रखने के लिए की गई थी। यह लंबे समय से आवास, भोजन और परिवहन जैसी सेवाएं उपलब्ध कराता आ रहा है। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के बजाय इकाइयों को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है, जो जनहित के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि सरकारी संचालन से पारदर्शिता और आम नागरिकों की पहुंच बनी रहती है, जबकि निजीकरण से सेवाओं में कटौती, शुल्क वृद्धि और आमजन की पहुंच में बाधा आ सकती है। राठौड़ ने मुख्यमंत्री से मांग की कि आरटीडीसी का संचालन पूर्ववत राज्य सरकार ही करे और सुधार के साथ पर्यटन सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाई जाए।