दौसा, 21 जुलाई — राजस्थान के दौसा जिले में मानसून ने आखिरकार जोरदार दस्तक दी है। पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश के चलते जिले के अधिकांश बांधों में पानी की आवक तेज हो गई है। अब तक कुल 12 बांधों में जलस्तर लबालब हो चुका है, जिससे क्षेत्र के किसानों और आमजन को बड़ी राहत मिली है।
हालांकि इस खुशखबरी के बीच एक चिंता की लकीर भी नजर आ रही है — जिले का प्रमुख जलस्रोत माधो सागर बांध अब भी खाली पड़ा है। भारी वर्षा के बावजूद माधो सागर तक जल पहुंचने की स्थितियां अब तक नहीं बन पाई हैं। जलग्रहण क्षेत्र में पर्याप्त बारिश नहीं होने से यह बांध अभी पूरी तरह सूखा है।
कृषि कार्यों में तेजी
जलस्रोतों में पानी आने से किसानों ने खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी ला दी है। कई गांवों में नहरों और तालाबों में पानी आने से सिंचाई की संभावनाएं बेहतर हुई हैं।
प्रशासन अलर्ट पर
भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया है। जिला आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क रखा गया है और संभावित जलभराव वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
जनता की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि माधो सागर में जल आपूर्ति के लिए प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए ताकि पेयजल संकट न गहराए।
दौसा में बारिश ने कई जलस्रोतों को जीवनदान दिया है, लेकिन माधो सागर की सूखी तलहटी अब भी बारिश की राह देख रही है। आने वाले दिनों में और बारिश की उम्मीद के साथ जिलेवासियों की निगाहें इसी पर टिकी हैं।











































































































































































































































































































































































































































































































































































































