जयपुर. राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार खत्म हो गया है। भुगतान के अभाव में योजना से किनारा करने की चेतावनी देने वाले प्राइवेट अस्पताल अब इलाज जारी रखने को राजी हो गए हैं। सरकार और निजी अस्पतालों के बीच सोमवार को सहमति बन गई, जिससे राज्य के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स ने राहत की सांस ली है।

सरकारी आश्वासन के बाद अस्पतालों ने मानी बात
सरकार ने निजी अस्पतालों को भरोसा दिलाया है कि मार्च 2025 तक के बकाया भुगतान 31 जुलाई तक कर दिए जाएंगे, और आगे से 60 दिन की अवधि में भुगतान की व्यवस्था लागू होगी। सरकार के इस आश्वासन के बाद निजी अस्पतालों ने इलाज जारी रखने का निर्णय लिया है

गहलोत और विपक्ष ने सरकार पर साधा था निशाना
इस मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर सरकार को घेरा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन से हर महीने RGHS के लिए कटौती हो रही है, लेकिन अस्पतालों को भुगतान नहीं हो रहा। उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार इस जनहितकारी योजना को बर्बाद कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जल्द समाधान की मांग की थी।

अब कर्मचारियों और पेंशनर्स का इलाज नहीं रुकेगा
निजी अस्पतालों ने पहले चेतावनी दी थी कि अगर बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ, तो वे 15 जुलाई से RGHS के तहत इलाज बंद कर देंगे। लेकिन अब सहमति बनने से कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवारजनों का इलाज पहले की तरह जारी रहेगा

सरकार और अस्पतालों के बीच बनी यह सहमति राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं में स्थिरता और भरोसे की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है